मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया ‘मृत्युकुंभ’

कोलकाता
 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ बता दिया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं। इस महा आयोजन के लिए सही तरह से प्लानिंग नहीं की गई। ममता ने आगे कहा कि मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है… कितने लोग बरामद हुए हैं?… अमीरों, वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप (टेंट) पाने की व्यवस्था है। गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है… मेले में भगदड़ की स्थिति आम है लेकिन व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है। आपने क्या योजना बनाई है?

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'आप एक विशेष धर्म को बेच रहे'
वहीं ममता ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब सांप्रदायिकता के बारे में बोलना या किसी धर्म के खिलाफ भड़काना नहीं है। आप एक विशेष धर्म को बेच रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के भाषण पर राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारत में कई राज्य हैं। वहां भी डबल इंजन वाली सरकार है। लेकिन पश्चिम बंगाल में हमने विपक्ष को बोलने के लिए 50% समय दिया है। उन्होंने सदन में कागज फेंके हैं। भाजपा, कांग्रेस और CPI(M) मेरे खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने मुझे अपना भाषण देने नहीं दिया।

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'तो मैं इस्तीफा दे दूंगी'विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में दावा किया कि भाजपा विधायक अफवाह फैला रहे हैं कि उन्हें बंगाल विधानसभा में बोलने की इजाजत नहीं है। मैं प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत करूंगी कि उनके विधायक मुझ पर बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। अगर भाजपा यह साबित कर दे कि मेरा बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से संबंध है तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।

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