जबलपुर
चालीस साल की सेवा के बाद भी एक भी प्रमोशन नहीं दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में दायर इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस एम एस भट्टी की एकलपीठ ने प्रदेश राज्य सहकारी फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर व जबलपुर दुग्ध संघ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में पूछा गया है कि आखिर किन वजहों से कर्मचारी को 40 साल की सेवा के बावजूद प्रमोशन नहीं दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के चेरीताल क्षेत्र निवासी त्रिलोकी नाथ पांडे की ओर से मध्य प्रदेश हईकोर्ट में ये याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि वे दुग्ध संघ पनागर, जबलपुर में अप्रैल 1981 में कॉपरेटिव एक्सटेंशन असिस्टेंट पर नियुक्त हुए थे. इसके बाद वह प्रदेश के विभिन्न स्थानों में पदस्थ रहते हुए सेवा प्रदान करते रहे. उन्हें सेवाकाल के दौरान कई प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए थे और ना ही सेवाकाल के दौरान उनपर किसी भी प्रकार की कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी. इस सबके बावजूद उन्हें एक भी बार प्रमोशन नहीं दिया गया.
4 बार मिलने थे प्रमोशन, एक भी नहीं मिला
याचिकाकर्ता त्रिलोकी नाथ पांडे ने याचिका में कहा कि नियमानुसार उन्हें दस साल, बीस साल, तीस साल व चालीस साल की सेवा पूरी करने पर क्रमोन्नति का लाभ प्रदान किया जाना चाहिए था. इस संबंध में उन्होंने सेवाकाल के दौरान संबंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन भी दिए थे. संबंधित अधिकारियों के द्वारा उनकी किसी भा मांग पर विचार नहीं किया गया. चालीस साल तक सेवा देने के बाद वह बिना प्रमोशन ही जुलाई 2021 में सेवानिवृत्त हो गए.
कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
याचिका में राहत चाही गई है कि उन्हें क्रमोन्नति के एवज में 20 प्रतिशत ब्याज सहित एरियर की राशि प्रदान की जाए और उनकी याचिका का निराकरण किया जाए. इस मामले की सुनवाई करते हुए हईकोर्ट जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसमें हाईकोर्ट ने प्रदेश राज्य सहकारी फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और जबलपुर दुग्घ संघ को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
हाईकोर्ट में इस याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद 27 जनवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी व अधिवक्ता अमित कुमार चौधरी ने पैरवी की .


