केंद्रीय मंत्री शाह की अध्यक्षता में हुई सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की मंथन बैठक

 

मंत्री सारंग ने साझा किए प्रदेश के नवाचार और दिये सुझाव

भोपाल

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की ‘मंथन बैठक’ हुई। बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मध्यप्रदेश की सहकारिता से जुड़ी उपलब्धियों, नवाचारों और सहकारिता के क्षेत्र में भविष्य की दिशा पर केंद्र सरकार को सुझाव दिये। इस अवसर पर केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर एवं मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मध्यप्रदेश में बहुद्देशीय पैक्स के सफल क्रियान्वयन की जानकारी
मंत्री सारंग ने बताया कि मध्यप्रदेश में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को बहुद्देशीय इकाइयों के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार को उल्लेखनीय सफलता मिली है। इस पहल के अंतर्गत प्रदेश में प्रत्येक पैक्स को उनके संचालन के लिये वार्षिक 3 लाख 24 हजार रुपये की वित्तीय सहायता तथा जनजातीय क्षेत्रों में 3 लाख 48 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि नई पैक्स की स्थापना और उनके आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता आधारित सेवाओं का विस्तार और सशक्तीकरण संभव हो सके।

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भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार के लिये केंद्रीय एजेंसी का गठन आवश्यक

मंत्री श्री सारंग ने सहकारिता संस्थाओं में पदों की भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और एकरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जिस प्रकार बैंकिंग क्षेत्र में आईबीपीएस जैसी संस्था के माध्यम से भर्ती होती है, उसी प्रकार पंचायत एवं ग्रामीण स्तर की सहकारी संस्थाओं के लिए एक केंद्रीयकृत भर्ती बोर्ड/एजेंसी का गठन किया जाए, जिससे सहकारी आंदोलन को दक्ष मानव संसाधन मिल सके।

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सहकारी बैंकों के माध्यम से फंड डिपॉजिट का दिया सुझाव

मंत्री श्री सारंग ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को सहकारिता संबंधी योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली निधि को जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से डिपॉजिट किया जाए, जिससे इन बैंकों की क्रेडिट क्षमता और बिजनेस वॉल्यूम बढ़ सके, इससे सहकारी बैंकिंग तंत्र और अधिक मजबूत होगा।

बीज क्षेत्र में नवाचार : 'चीता ब्रांड'

मध्यप्रदेश में बीज संघ को सशक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मंत्री श्री सारंग ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 'चीता ब्रांड' बीजों की शुरुआत की गई है, जिनमें उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीज लगभग आधी कीमत पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

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कमजोर सहकारी बैंकों के लिए तकनीकी सहयोग की आवश्यकता

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" को ध्यान में रखते हुए सहकारी संस्थाओं की पंजीयन से लेकर परिसमापन तक की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाया गया है, जिससे संस्थाओं की कार्य-क्षमता में सुधार आया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वित्तीय रूप से कमजोर सहकारी बैंकों को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से तकनीकी और विशेषज्ञ सहयोग दिया जाए, ताकि वे भी मुख्यधारा से जुड़ सकें और ग्रामीण वित्तीय ढांचे को मजबूती दे सकें।

 

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