केबल टीवी प्रोवाइडर्स के कम्युलेटिव रेवेन्यू में 2018 से 16% की गिरावट, 577000 नौकरियाों पर खतरा

मुंबई

एक समय था जब हर घर केबल लगा होता था। केबल के बिना टेलीविजन इंडस्ट्री अधूरा था, लेकिन वर्तमान में नई टेक्नोलॉजी ने इसकी जगह ले लीं और अब भारत में केबल का कारोबार संकट से जुझ रहा है। यह अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है। ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म से बढ़ती प्रतिस्पर्धा और डीडी फ्री डिश जैसी मुफ्त, अनलिमिटेड सर्विसेज की बढ़ती लोकप्रियता के चलते केबल टेलीविजन उद्योग में भारी गिरावट देखी गई है। पे-टीवी ग्राहकों में गिरावट के चलते साल 2018 और 2025 के बीच अनुमानतः 577,000 कम्युलेटिव नौकरियां खत्म होने का अनुमान है। इसका खुलासा एक स्टडी रिपोर्ट में किया गया है।
क्या है रिपोर्ट

ये भी पढ़ें :  देश में शनिवार 10 मई तक 27 एयरपोर्ट बंद, 430 उड़ानें रद, विदेशी एयरलाइंस ने बदले मार्ग नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलते हालात को देखते हुए गुरुवार को घरेलू एयरलाइंस ने 430 उड़ानें रद कर दी हैं। जबकि शनिवार 10 मई तक के लिए 27 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। आंकड़ों के हिसाब से रद की गई उड़ाने देश में कुल उड़ानों का तीन प्रतिशत हैं। उड़ानों पर नजर रखने वाले प्लेटफार्म फ्लाइटराडार24 के अनुसार, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए तकरीबन खाली है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ा एलान उड़ानों के लाइव पाथ और कैंसल के आंकड़ों को जारी करने वाले फ्लाइटराडार24 के अनुसार, ''पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का जम्मू-कश्मीर और गुजरात के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए खाली है क्योंकि विमानन कंपनियों ने इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया है।'' वहीं, विमानन कंपनियों ने बुधवार को भी 300 से ज्यादा उड़ानें रद कर दी थीं और उत्तरी एवं पश्चिमी भारत में 21 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे। प्रेट्र के अनुसार, अधिकांश विदेशी एयरलाइंस ने भी एयरस्पेस में प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं। जर्मनी की लुफ्थांसा ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ताजा हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सप्ताह में पांच भारतीय शहरों में 64 उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए लुफ्थांसा अगले आदेश तक पाकिस्तान के एयरस्पेस में नहीं जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कुछ मार्गों पर भारत समेत एशियाई देशों के लिए जाने वाली उड़ानों का समय बढ़ जाएगा। सभी यात्रियों से निवेदन है कि वे घर से निकलने से पहले उड़ान का समय सुनिश्चित कर लें। ब्रिटिश कंपनी वर्जिन अटलांटिक ने भी पाकिस्तानी एयरस्पेस के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं, जिसके चलते पूर्वनिर्धारित लंदन-दिल्ली की उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ रहा है। हर सप्ताह 35 उड़ानों का संचालन कंपनी भारतीय शहरों के लिए 35 साप्ताहिक उड़ानों का संचालन करती है। कौन से एयरपोर्ट हैं बंद हिंडन, ग्वालियर, श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंटर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केसोड़, भुज।

ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) और ईवाई इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूशन इन इंडिया’ में कहा गया है कि पे-टीवी सब्सक्राइबर बेस 2018 में 151 मिलियन से घटकर 2024 में 111 मिलियन हो गया है और 2030 तक इसके और घटकर 71-81 मिलियन के बीच रहने की उम्मीद है। इसमें चैनलों की बढ़ती लागत, बढ़ते ओटीटी प्लेटफॉर्म और डीडी फ्री डिश जैसी मुफ्त, अनियमित सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता को इस गिरावट का कारण बताया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चार डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) प्लेयर्स और दस प्रमुख केबल टीवी प्रोवाइडर्स या मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों (एमएसओ) के कम्युलेटिव रेवेन्यू में 2018 से 16% से अधिक की गिरावट आई है, जबकि उनके मार्जिन में 29% की कमी आई है। वित्त वर्ष 19 में, उनका संयुक्त राजस्व ₹25,700 करोड़ था, जो वित्त वर्ष 24 में घटकर ₹21,500 करोड़ रह गया। वित्त वर्ष 24 में संयुक्त एबिटा घटकर ₹3,100 करोड़ रह गया, जो वित्त वर्ष 19 में ₹4,400 करोड़ था। बता दें कि स्टडी में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 28,181 स्थानीय केबल ऑपरेटरों (एलसीओ) से इनपुट लिए गए थे। इस असर एलसीओ वर्कफोर्स पर पड़ा है।
नौकरियों पर खतरा

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सर्वेक्षण किए गए ऑपरेटरों ने रोजगार में 31% की गिरावट की रिपोर्ट की है, जो 37,835 नौकरियों का नुकसान दर्शाता है। जब राष्ट्रीय स्तर पर इसका अनुमान लगाया जाता है, तो यह विभिन्न परिचालन स्तरों पर 114,000 से 195,000 तक की नौकरियों के नुकसान में तब्दील हो जाता है। इसके अलावा, 2018 से अब तक लगभग 900 एमएसओ और 72,000 एलसीओ के बंद होने से ओवरएज में योगदान मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 से लगभग 900 एमएसओ और 72,000 एलसीओ के बंद होने से कुल 577,000 लोगों की नौकरी चली गई है। हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद उद्योग के लीडर सतर्क रूप से आशावादी बने हुए हैं।

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