लखनऊ
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 16 अगस्त से 24 घंटे विमानों का संचालन हो सकेगा। लखनऊ एयरपोर्ट के रनवे को अपग्रेडेशन और दो नए टैक्सी-वे बनाने का काम गुरुवार तक पूरा हो जाएगा। शुक्रवार को इलेक्ट्रानिक उपकरणों की टेस्टिंग के बाद शनिवार से रनवे पर लगी चार घंटे की रोक को हटा लिया जाएगा। लखनऊ एयरपोर्ट से प्रतिदिन लगभग 132 उड़ानाें का संचालन होता है। लगभग 20 हजार यात्री लखनऊ एयरपोर्ट से यात्रा करते हैं। एयरपोर्ट के रनवे अपग्रेडेशन का काम एक मार्च से शुरू हुआ था। एयरपोर्ट के 2744 मीटर लंबे रनवे की रिकारपेटिंग, एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (एजीएल) को हेलोजन से एलईडी में अपग्रेड करने, करीब 110 मीटर का समानांतर टैक्सी-वे और लैंडिंग के बाद विमान के तेजी से प्रवेश, निकास और टेक-आफ के लिए नया लिंक टैक्सी-वे बनाने का काम शुरू किया गया।
इस काम को पहले 15 जुलाई तक पूरा करना था। इसके लिए रनवे को विमान आपरेशन के लिए सुबह 10 से शाम छह बजे तक आठ घंटे के लिए बंद रखा गया था। दिन में आठ घंटे विमान संचालन बंद होने का असर लखनऊ से कई शहरों की ओर जाने वाली उड़ानाें पर पड़ने लगा। कई उड़ानें रिशेड्यूल्ड कर दी गईं, वहीं आठ उड़ानों को निरस्त कर दिया गया, जिनका संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है। यात्रियों को हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जतायी तो रनवे को आठ की जगह सुबह 11 से शाम पांच बजे तक छह घंटे बंद करके काम किया गया। काम पूरा करने की मियाद को 15 जुलाई से बढ़ाकर 15 अगस्त कर दिया गया। पिछले दिनों विमान संचालन बंद होने की अवधि में दो घंटे की और कमी कर दी गई। एयरपोर्ट पर विमान संचालन अब सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक बंद रहता है। यह काम भी लगभग पूरा हो गया है।
बढ़ेगी एयरपोर्ट की क्षमता
लखनऊ एयरपोर्ट पर अभी दो टैक्सी-वे हैं, जिनपर होते हुए विमान रनवे तक पहुंचता है। दो और नए लिंक टैक्सी-वे बन गए हैं, इससे एक समय में पहले से अधिक उड़ानें संचालित हो सकेंगी। सुबह छह से आठ और शाम पांच से रात आठ बजे व्यस्त समय में और अधिक उड़ानों का संचालन हो सकेगा। लखनऊ एयरपोर्ट के 2,744 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े रनवे व रनवे के दोनों ओर 7.5 मीटर अतिरिक्त शोल्डर की रिकारपेटिंग वर्ष 2018 में की गई थी। रनवे और टैक्सी-वे सहित कुल 1.80 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में रिकारपेटिंग पूरी हो गई है। एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (एजीएल) सिस्टम को हेलोजन से एलईडी में बदलने से 50 प्रतिशत बिजली की बचत होगी।