उर्वशी मिश्रा, रायपुर, 04 जनवरी, 2023
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर बुधवार को एक कविता पोस्ट की है। इसकी शुरू की दो लाइनों में जहां उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा है। वहीं अंतिम दो लाइनों में निवेदन भी किया है। यह निवेदन राज्यपाल को संबोधित है। इसमें लिखा है कि, सनद रहे ! भले “संस्थान’ तुम्हारा हथियार हैं, लड़कर जीतेंगे! वो भीख नहीं आधिकार है। फिर भी एक निवेदन स्वीकार करो-कायरों की तरह न तुम छिपकर वार करो, राज्यपाल पद की गरिमा मत तार-तार करो। एक दिन पहले ही कांग्रेस ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में जन अधिकार महारैली का आयोजन किया था। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, छत्तीसगढ़ में दो-चार बंधुआ लोगों को छोड़कर सभी लोग आरक्षण विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। राज्यपाल ने उस विधेयक को रोक रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा, मैने पहले भी आग्रह किया है, फिर कर रहा हूं कि राज्यपाल हठधर्मिता छोड़ें। या तो वे विधेयक पर दस्तखत करें या फिर उसे विधानसभा को लौटा दें।
कांग्रेस-राजभवन में बढ़ रहा टकराव
दरअसल, छत्तीसगढ़ में संशोधित आरक्षण विधेयक को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। इसके चलते कांग्रेस सरकार और राजभवन के बीच भी टकराव की स्थिति बन गई है। कांग्रेस नेता और विधायकों का प्रतिनिधि मंडल भी राज्यपाल से मिल चुका है। हालांकि विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हो सके हैं। इसके चलते सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अब यह राजभवन बनाम कांग्रेस हो गया है। सीएम बघेल तो यहां तक कह चुके हैं कि राज्यपाल आरक्षण को टालने का बहाना ढूंढ रही हैं।
कल राज्यपाल से मिला था कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल
राज्यपाल अनुसुईया उइके से मंगलवार को राजभवन में कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। इस दौरान सदस्यों औ राज्यपाल ने एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। सदस्यों ने ज्ञापन के माध्यम से छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया।
राज्यपाल बोलीं- विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद निर्णय
इस पर राज्यपाल की ओर से प्रतिनिधि मंडल को बताया गया कि आरक्षण और विधानसभा से पारित विधेयक के संबंध में प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग के करीब 42 विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन व आवेदन दिए हैं। राज्यपाल ने इन आवेदनों सहित क्वांटिफिएबल डाटा आयोग के रिपोर्ट से संबंधित बिन्दुओं पर विचार कर विधि सम्मत निर्णय लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि पारित आरक्षण विधेयक को लेकर विधि विशेषज्ञों के परामर्श के बाद निर्णय लेंगी।