विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन का जमीनी स्तर पर किया जाए अध्ययन
जन अभियान परिषद् से जुड़ी संस्थाएं नशामुक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई परिषद् के शासी निकाय की बैठक
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन अभियान परिषद् से जुड़ी संस्थाएं नशामुक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ग्राम और वार्ड स्तर तक गतिविधियां संचालित करें और प्रभावित व्यक्तियों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें। जन अभियान परिषद् राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों और जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का भी जमीनी स्तर पर अध्ययन कर फीडबैक और सुझाव दे, इससे योजनाओं को अधिक समाज अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी। परिषद् से जुड़ी संस्थाओं का कार्य थर्ड पार्टी आंकलन के समान हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ये निर्देश मंत्रालय में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् के शासी निकाय की 15वीं वार्षिक सामान्य बैठक में दिए।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का माध्यम बनेगा 'माटी गणेश-सिद्ध गणेश' अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वदेशी को प्रोत्साहित करने के लिए लघु, कुटीर उद्योग तथा स्व-सहायता समूहों से मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। जनअभियान परिषद् से जुड़ी संस्थाएं इस दिशा में सहभागिता को प्रोत्साहित करने हुए गतिविधियां संचालित करें। बैठक में सर्पदंश से सुरक्षा और सर्परक्षा के लिए थाना स्तर पर संचालित की जाने वाली जागरूकता, प्रशिक्षण और अध्ययन गतिविधियों की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि परिषद्, स्वैच्छिकता और स्वावलंबन के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण संरक्षण, व्यक्तित्व विकास, नागरिक एवं सामाजिक अनुशासन पर केन्द्रित गतिविधियां, सीएम सोशल इंटर्नशिप, युवा जन अभियान और पंख गतिविधियां संचालित करने जा रही है। "माटी गणेश-सिद्ध गणेश" अभियान के अंतर्गत परिषद् के प्रशिक्षित नैटवर्क द्वारा गांव और वार्डों की महिलाओं को मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 'माटी गणेश-सिद्ध गणेश' घर-घर विराजित और विसर्जित होंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ेगी।
बैठक में जन अभियान परिषद् के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, परिषद् की शासी निकाय के सदस्य एवं अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मण्डलोई, अपर मुख्य सचिव श्री संजय शुक्ला तथा परिषद् के कार्यपालक निदेशक डॉ. बकुल लाड़ उपस्थित थे।