सीएम रेखा गुप्ता का बड़ा ऐलान: प्रदूषण घटेगा, सरकार की कमाई बढ़ेगी

दिल्ली
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को शहरवासियों को एक बड़ी सौगात देते हुए नांगली डेयरी इलाके में राष्ट्रीय राजधानी के पहले बड़े बायोगैस संयंत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे बेहद गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि शहर को मवेशियों के गोबर और नगरपालिका के कचरे से मुक्त बनाने के लिए ऐसे कई संयंत्रों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि यह संयंत्र ना केवल शहर को कचरे से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 2.72 एकड़ जमीन पर फैले इस संयंत्र की क्षमता 200 टन प्रतिदिन (TPD) है। यह संयंत्र मवेशियों के गोबर और बायो-डिग्रेडेबल कचरे को कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) और खाद में बदलेगा और प्रतिदिन लगभग 14,000 घन मीटर कच्ची बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसके बाद इससे 5.6 टन कंप्रेस्ड बायोगैस प्राप्त होगी, जिसकी आपूर्ति इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) को की जाएगी। सह-उत्पाद के रूप में संयंत्र से खाद भी तैयार की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने इस संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा बताया। इस मौके पर सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'यह संयंत्र न केवल नालों की सफाई और यमुना में प्रदूषण कम करने में मदद करेगा, बल्कि हरित ऊर्जा और राजस्व भी उत्पन्न करेगा। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 1,500 मीट्रिक टन गोबर का उत्पादन होता है और एक संयंत्र पर्याप्त नहीं है। शहर को भविष्य में ऐसे कई और संयंत्रों की आवश्यकता होगी।'

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गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर चल रहे सेवा पखवाड़े के अंतर्गत दिल्ली को यह ऐतिहासिक सौगात मिली है। यह बायोगैस प्लांट न केवल गोबर और डेयरी अपशिष्ट के प्रबंधन का स्थायी समाधान देगा, बल्कि हजारों गौशालाओं और डेयरियों की समस्याओं का हल भी बनेगा। अब गोबर से हरित ऊर्जा बनेगी। पर्यावरण स्वच्छ होगा, यमुना का प्रदूषण घटेगा और किसानों और पशुपालकों को भी सहारा मिलेगा।

आगे उन्होंने कहा, ‘यह परियोजना प्रधानमंत्री के हरित ऊर्जा अभियान को सशक्त बनाते हुए, दिल्ली को स्वच्छ, आत्मनिर्भर और हरित राजधानी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम और मील का पत्थर साबित होगी।’

ये भी पढ़ें :  देश में शनिवार 10 मई तक 27 एयरपोर्ट बंद, 430 उड़ानें रद, विदेशी एयरलाइंस ने बदले मार्ग नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलते हालात को देखते हुए गुरुवार को घरेलू एयरलाइंस ने 430 उड़ानें रद कर दी हैं। जबकि शनिवार 10 मई तक के लिए 27 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। आंकड़ों के हिसाब से रद की गई उड़ाने देश में कुल उड़ानों का तीन प्रतिशत हैं। उड़ानों पर नजर रखने वाले प्लेटफार्म फ्लाइटराडार24 के अनुसार, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए तकरीबन खाली है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ा एलान उड़ानों के लाइव पाथ और कैंसल के आंकड़ों को जारी करने वाले फ्लाइटराडार24 के अनुसार, ''पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का जम्मू-कश्मीर और गुजरात के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए खाली है क्योंकि विमानन कंपनियों ने इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया है।'' वहीं, विमानन कंपनियों ने बुधवार को भी 300 से ज्यादा उड़ानें रद कर दी थीं और उत्तरी एवं पश्चिमी भारत में 21 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे। प्रेट्र के अनुसार, अधिकांश विदेशी एयरलाइंस ने भी एयरस्पेस में प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं। जर्मनी की लुफ्थांसा ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ताजा हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सप्ताह में पांच भारतीय शहरों में 64 उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए लुफ्थांसा अगले आदेश तक पाकिस्तान के एयरस्पेस में नहीं जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कुछ मार्गों पर भारत समेत एशियाई देशों के लिए जाने वाली उड़ानों का समय बढ़ जाएगा। सभी यात्रियों से निवेदन है कि वे घर से निकलने से पहले उड़ान का समय सुनिश्चित कर लें। ब्रिटिश कंपनी वर्जिन अटलांटिक ने भी पाकिस्तानी एयरस्पेस के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं, जिसके चलते पूर्वनिर्धारित लंदन-दिल्ली की उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ रहा है। हर सप्ताह 35 उड़ानों का संचालन कंपनी भारतीय शहरों के लिए 35 साप्ताहिक उड़ानों का संचालन करती है। कौन से एयरपोर्ट हैं बंद हिंडन, ग्वालियर, श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंटर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केसोड़, भुज।

इस मौके पर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, सांसद कमलजीत सहरावत, महापौर राजा इकबाल सिंह, विधायक संदीप सेहरावत समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस संयंत्र के लिए साल 2018 में ही धनराशि स्वीकृत कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद परियोजना में सालों की देरी हुई। उन्होंने कहा, 'इस परियोजना को पूरा होने में आठ साल लग गए क्योंकि पिछली सरकार काम करने के बजाय मोदी जी को दोष देती रही। वे हर बात पर राजनीति करते रहे। जब केंद्र सरकार और ट्रिपल इंजन वाली सरकार ने मिलकर काम किया, तभी यह परियोजना आगे बढ़ पाई।'

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