श्योपुर
कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पानी पिलाने वाले ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को फिर से काम पर रख लिया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। वीडियो में वह चीतों के नजदीक जाकर पानी पिला रहे थे। सोशल मीडिया पर लोगों और गुर्जर समाज ने उनका समर्थन किया। इसके बाद पार्क प्रबंधन ने उन्हें वापस बुला लिया। समाज ने फूल और मिठाई से उनका सम्मान भी किया। वायरल वीडियो की विभागीय जांच अभी जारी है।
नौकरी से निकालने के बाद वापस रखा
कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला और उसके बच्चों को पानी पिलाने के बाद सत्यनारायण गुर्जर चर्चा में आए थे। वन विभाग से जुड़ी एक निजी गाड़ी के ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को वीडियो वायरल होने के बाद हटा दिया गया था लेकिन अब उन्हें वापस रख लिया गया है। तीन दिन बाद सत्यनारायण अपने समाज के सम्मान समारोह में पहुंचे।
वीडियो पर क्या बोले सत्यनारायण
सत्यनारायण ने वीडियो की सच्चाई बताते हुए कहा, 'जब से कूनो में चीते आए हैं, मैं उनसे जुड़ा हुआ हूं। मेरी निजी गाड़ी ट्रैकिंग टीम के लिए किराए पर ली गई थी। उस दिन चीते प्यासे थे, तो मैंने उन्हें पानी पिला दिया। वीडियो वायरल होने के बाद मुझे हटा दिया गया, लेकिन एक दिन पहले पार्क प्रबंधन ने मुझे वापस बुला लिया। अब कोई शिकवा नहीं है।'
वीडियो वायरल होने से मचा था हड़कंप
पिछले शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक युवक जंगल में चीता ज्वाला और उसके बच्चों को पानी पिला रहा था। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया था। जांच में पता चला कि यह युवक सत्यनारायण गुर्जर है। वह चीता ट्रैकिंग टीम की अनुबंधित निजी गाड़ी का ड्राइवर है। पार्क प्रबंधन ने इसे नियमों का उल्लंघन माना और उसे तुरंत हटा दिया। हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स और गुर्जर समाज ने सत्यनारायण का समर्थन किया। मामला बढ़ने पर प्रबंधन ने उन्हें वापस काम पर रख लिया।
फूल माला पहनाकर किया स्वागत
मंगलवार को सत्यनारायण श्योपुर के ढेंगदा गांव में गुर्जर समाज के भगवान देव नारायण मंदिर पहुंचे। वहां समाज के लोगों ने उन्हें फूल माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। सत्यनारायण ने कहा, 'मेरे परिवार की कई पीढ़ियां जंगल में रहती आई हैं। मुझे जानवरों से लगाव है। उस दिन ट्रैकिंग टीम के साथ था, तो सुबह चीते प्यासे दिखे। मैंने उन्हें पानी पिला दिया। किसी ने वीडियो बना लिया, जो वायरल हो गया। डीएफओ के निर्देश पर मुझे हटा दिया गया था, लेकिन अब वापस बुलाया गया है। मैं प्रशासन का आभारी हूं।' श्योपुर गुर्जर समाज के अध्यक्ष देवी शंकर गुर्जर ने कहा, 'सत्यनारायण ने प्यासे चीतों को पानी पिलाकर गौरवपूर्ण कार्य किया। इसलिए हमने उनका सम्मान किया।'