एलन मस्क का अगले 20 साल में मंगल पर बस्ती बसाने का टारगेट

वाशिंगटन

एलन मस्क ने मंगल मिशन की टाइमलाइन बता दी है। उन्होंने कहा कि वह अगले 20 साल में मंगल ग्रह पर बस्ती बसाना चाहते हैं। पूरी तरह से रीयूजेबल रॉकेट बनाने के बाद मस्क ने यह दावा किया है किया है। मस्क ने एक्स पर कहा कि मंगल पर एक टन के पेलोड को भेजने में करीब एक अरब डॉलर खर्च हो जाता है। ऐसे में मंगल पर बस्ती बसाने के लिए 10 हजार गुना बेहतर तकनीक की जरूरत है। यह कठिन जरूर है लेकिन असंभव नहीं है।

ये भी पढ़ें :  नारायण सेवा संस्थान द्वारा दुर्घटना में अंगहीन हुए छत्तीसगढ़ के दिव्यांगों के लिए रायपुर में विशाल कृत्रिम अंग शिविर 17 मार्च को

टेसला चीफ ने बताया कि अगले दो साल में मंगल ग्रह के लिए स्टारशिप लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, पहले मंगल पर लैंडिंग का टेस्ट करने के लिए मानवरहित यान भेजा जाएगा। अगर लैंडिंग ठीक रहती है तो अगले चार साल में पहला मानवयुक्त यान मंगल पर भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, अगले 20 साल में मंगल पर बस्ती बसाने का उद्देश्य से फ्लाइट रेट को लगातार बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य ग्रह पर भी जीवन की संभावना पैदा हो जाने से इंसानों का लाइफस्पैन बढ़ जाएगा।
क्यों मंगल का ही है टारगेट

ये भी पढ़ें :  रिट्रीट सेरेमनी के दौरान होने वाले औपचारिक प्रदर्शन का पैमाना कम करने का फैसला लिया, दोनों कमांडर नहीं मिलाएंगे हाथ

धरती से मंगल ग्रह की औसत दूरी 140 मिलियन मील थी। ऐसे में यह धरती से सबसे करीब का ग्रह है। पृथ्वी की तुलना में 50 फीसदी सूर्य से दूर होने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा पहुंचती है। स्पेसएक्स ने कहा, यह ग्रह थोड़ा ठंडा है लेकिन इसे गर्म किया जा सकता है। इसके वातावरण में कार्बनडाइ ऑक्साइड और नाइट्रोजन, ऑर्गन दोनों है। इसका मतलब है कि मंगल का वातावरण सिकुड़ रहा है।

ये भी पढ़ें :  CG CM Oath Ceremony : सीएम के शपथ ग्रहण में आएंगे पीएम मोदी, PMO से समय तय होने के बाद होगा शपथ कार्यक्रम समारोह

मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तुलना में 38 फीसदी गुरुत्वाकर्षण है। ऐसे में इसपर भारी चीजों को उठाना भी आसान होगा। इसके अलावा मंगल ग्रह पर दिन भी पृथ्वी की तुलना में लगभग बराबर है। कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि मंगल ग्रह को गर्म करने का तरीका खोज लिया गया है। इसके लिए लोहे और एल्युमिनियम से बने कृत्रिकम कणों को एरोसोल के रूप में भेजा जाएगा। यह मंगल पर सूर्य की रोशनी को रोकेगा और सतह को धीरे-धीरे गर्म कर देगा।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment