छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मुआवजा के लिए पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री ने डमी चेक तो दे दिया, पर आज भी हितग्राही अपने भुगतान का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल ग्राम पंचायत गिरवानी में बांध निर्माण के लिए किसानों की सैकड़ो एकड़ जमीन अधिग्रहण कर ली गई और सालों बाद किसानों को मुआवजा के नाम पर फर्जी डमी चेक पकड़ा दिया गया है। किसान अब उस चेक को कहां जमा करें, उन्हें समझ नही आ रहा है। डमी चेक को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे किसानों ने अपनी परेशानी बताई है ।
क्या था मामला?
साल 2012 में गिरवानी में बांध निर्माण के लिए दर्जनों किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था। किसानों का मुआवजा प्रकरण भी बना लेकिन किसानों को पैसे नहीं मिले। हाथ में डमी चेक लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर खड़े किसानों को देखिये, मुआवजा प्रकरण बनने के लगभग 11 साल बाद इन्हें चेक दिया गया और फोटो भी खींचा गया लेकिन चेक के नाम पर इन्हें फर्जी डमी चेक पकड़ा दिया गया है।
आज तक किसानों को असली चेक नहीं मिला है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।किसानों ने बताया कि साल 2023 में पूर्व मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने एक कार्यक्रम में किसानों को यह चेक पकड़ाया था लेकिन असली चेक उन्हें आज तक नहीं मिला है। एक साल बाद किसान उसी चेक को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे हैं और उन्हें अपनी परेशानी बताई।
कलेक्टर ने कहा कि ‘किसानों की समस्या से वे अवगत हुए हैं और जल्द ही उनकी परेशानी दूर होगी।’
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह लापरवाही किसकी है? क्योंकि नेता मंत्री तो विभागीय कार्यक्रम में किसानों को योजनाओं का लाभ देते हैं और विभागीय अधिकारी अपना पीठ थपथपाने के लिए इस तरह से फर्जी काम करते हैं। एक-एक किसान के पास 50 लाख से 1 करोड़ का डमी चेक है, लेकिन वो इसके मालिक भी हैं या नहीं ये उन्हें ख़ुद नहीं पता है।