व्यापक शहरी विकास के कारण गुजरात में बाढ़ से हालत खराब: आईआईटी-जीएन अध्ययन

अहमदाबाद
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटी-जीएन) के शोधकर्ताओं ने कहा है कि गुजरात के कुछ हिस्सों में हाल में आई बाढ़ के विश्लेषण से पता चला है कि इसका कारण गंभीर मौसमीय परिस्थितियां हैं और हात व्यापक शहरी विकास और खामियों भरी जल निकासी व्यवस्था के कारण और खराब हो गए हैं।

गुजरात में 20 से 29 अगस्त के बीच भारी बारिश के कारण कई हिस्सों में बाढ़ आई थी।

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विश्लेषण से पता चला कि इस अवधि के दौरान राज्य के 33 जिलों में से 15 में तीन दिन की वर्षा पिछले 10 साल के अवधि से अधिक थी।

पिछले सप्ताह ‘‘भारत के पश्चिमी तट पर असामान्य मौसमीय घटनाएं’’ देखी गईं जो शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचे के लचीलेपन का पुनर्मूल्यांकन करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है।

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आईआईटी गांधीनगर की ‘मशीन इंटेलिजेंस एंड रेजिलिएंस लैबोरेटरी’ (एमआईआर लैब) के शोधकर्ताओं ने कहा कि यह परिदृश्य मजबूत आपात प्रतिक्रिया रणनीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करता है जो इस प्रकार की जटिल स्थितियों से निपटने के लिए जरूरी हैं।

आईआईटी-जीएन के शोध में कहा गया है कि पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद गंभीर बाढ़ से जूझ रहे वडोदरा में यह स्थिति तब है जब बारिश अभूतपूर्व नहीं थी।

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रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हालांकि, बाढ़ संभावित क्षेत्रों में व्यापक शहरी विकास, परिवर्तित ऊंचाई, तथा तेजी से शहरीकरण और अवरुद्ध जल निकासी प्रणालियों के कारण बाढ़ से स्थिति और भी बदतर हो गई।’’

 

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