खुशखबरी पन्ना टाइगर रिजर्व में आए 4 नन्हे मेहमान, चार शावकों के साथ बाघिन पी-141 की तस्वीर आई सामने

 पन्ना

 पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए मंगलवार का दिन मंगल साबित हुआ जब पन्ना रिजर्व की बाघिन पी-141 ने चार नन्हें शावकों के साथ विचरण करती नजर आई. जिले के मंडला क्षेत्र में बाघिन पी-141 द्वारा चार शावकों को जन्म देने की खबर जैसे ही सामने आई पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में खुशी की लहर दौड़ गई.

अपने चार शावकों के साथ पर्यटकों को दिखी बाघिन पी-141 ने शावकों को मंडला क्षेत्र में जन्म दिया. चार शावकों की जन्म की खबर से टाइगर रिजर्व में खुशी की लहर दौड़ गई. रिजर्व में अब बाघों की संख्या 90 पार कर गई है. नन्हें शावकों पर स्वस्थ प्रबंधन सतत निगरानी रख रही है.

शावकों के साथ दिखी बाघिन पी-141 का पर्यटकों ने वीडियो बनाया

गौरतलब है देश-दुनिया में बाघों की बढ़ती संख्या के लिए शुमार पन्ना टाइगर रिजर्व में आए पर्यटकों ने चार नन्हें मेहमानों को बाघिन-पी 141 को देखा तो उनके वीडियो बना लिए. पन्ना टाईगर रिजर्व में नन्हे शावकों की किलकारी गुंजने के साथ अब टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 90 पार कर गई है.

ये भी पढ़ें :  आज से 8 अक्टूबर तक मालवा एक्सप्रेस वाया लुधियाना-फिल्लौर-नकोदर-लोहियां खास-कपूरथला-जालंधर सिटी होकर चलेगी

पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल, इसलिए बढ़ रही बाघों की संख्या

फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि पन्ना रिजर्व में चार शावकों के जन्म की खबर बेहद सुखद है. उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल है और बाघों की संख्या 90 के पार पहुंच गयी है. वही उन्होंने बताया कि चारो शावक स्वस्थ है, जिनका स्वस्थ प्रबंधन द्वारा सतत निगरानी की जा रही है।

वन्य जीवन और जैव विविधता से बचपन में ही अवगत कराएं : राज्यपाल

भोपाल : सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में आरंभ से ही संस्कारित किया जाना चाहिए। माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाएं। हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है।
वन्य जीव सप्ताह

ये भी पढ़ें :  अमेरिका में दुनिया का सबसे बड़ा ओपन रेड लाइट एरिया, जहां हर शाम लगता है जिस्म का मेला!

राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मौलिक कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की अपेक्षा करता है। उन्होंने एक से सात अक्टूबर तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया।
वन्य जीव संरक्षण की शपथ

राज्यपाल ने कहा कि कोविड ने हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र के साथ रहने का सबक दिया है। उन्होंने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई। राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है।
बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल प्रदेश की पहचान

ये भी पढ़ें :  जबलपुर : शराब पीने से रोकने पर आईटी इंजीनियर की हत्या, चाकू से ताबड़तोड़ वार

बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल, चीता, भेड़िए और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या के लिए भी प्रदेश पहचाना जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे। राज्य मंत्री वन दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण भूमिका है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment