भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज

बलौदाबाजार
 
भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा. 6 सितंबर के दिन सुहागिन माताएं और बहनें निर्जला व्रत रखकर भगवान सदाशिव और माता पार्वती चारो पहर की विधिवत पूजा करेंगी. पौराणिक मान्यता है कि इसदिन मां पार्वती जी ने यह व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न की थीं, इसलिए इस व्रत को प्रतिवर्ष माता बहनें अपने सुख सौभाग्य की कामना से यह व्रत रखते हैं. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय और संपन्न रहता है.

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इस साल हरतालिका तीज पर दुर्लभ ग्रह, नक्षत्रों के कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. आइए आचार्य ऐश्वर्य शर्मा से जानते हैं हरतालिका तीज पर बने शुभ योग, शुभ मुहूर्त और पूजा का शुभ मुहूर्त- आचार्य पंडित ऐश्वर्य शर्मा ने बताया कि हरि तालिका तीज पर रात्रि 9.25 बजे से सुबह 6 बजे तक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का शुभ समय रहेगा.

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हरतालिका तीज पूजा-विधि
आचार्य के अनुसार, सुहागिन महिलाएं चौकी सजाकर उसके ऊपर भगवान शिव व माता पार्वती की मूर्ति रखेंगी. फिर कलश की स्थापना करने के बाद 16 श्रृंगार का सामान, अगरबत्ती, धूप, दीप, शुद्ध घी, पान, कपूर, सुपारी, नारियल, चंदन, फल और फूल के साथ आम, केला, बेल व शमी के पत्ते से पूजा करें. हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करेंगी. फिर आरती के बाद श्रद्धा के साथ भोग लगाकर क्षमा-याचना करें. पूजा के बाद विधि विधान से व्रत का पारण करने से मनवांछित फल मिलेगा.

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हरतालिका तीज पर शुभ योग
आचार्य ने बताया कि भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 6 सितंबर दोपहर 03 बजे तक है शास्त्रों में यह अद्भुत और शुभ संयोग माने जाते हैं. इनमें पूजा पाठ करने से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है.

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