भोपाल
राज्य सरकार प्रदेश के विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के स्वास्थ्य सुधार के प्रति संवेदनशील होकर प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार की पीवीटीजी बहुल 21 जिलों के दूरस्थ गांवों की 1270 बसाहटों तक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) संचालित करने की योजना है।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना के तहत सरकार द्वारा कुल 74 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स चलाई जाएंगी, जिन पर तीन वर्षों में लगभग 50 करोड़ 31 लाख 18 हजार रुपये व्यय किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं को पीवीटीजी समुदाय के लोगों के घर-घर तक पहुंचाना है।
योजना के तहत अब तक तेजी से काम किया गया है। कुल 74 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में से आगामी 15 दिसंबर 2024 तक 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स संचालित कर दी जायेंगी। सरकार की यह पहल विशेष रूप से सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करेगी। सरकार के इन प्रयासों से पीवीटीजी समुदाय के स्वास्थ्य में सुधार होगा और उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी।
राज्य सरकार द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिये पीवीटीजी बहुल जिले भी चिन्हित कर लिये गये हैं। सरकार द्वारा शिवपुरी जिले के लिये 11, शहडोल जिले के लिये 10, बालाघाट एवं सीधी के लिये 6-6, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर एवं मंडला के लिये 5-5, अशोकनगर 4, अनूपपुर 3, दतिया, मुरैना एवं श्योपुर के लिये 2-2 तथा छिंदवाड़ा, कटनी, नरसिंहपुर, सतना, जबलपुर, रायसेन, उमरिया एवं विदिशा जिले के पीवीटीजी बहुल क्षेत्रों के लिये 1-1 मोबाइल मेडिकल यूनिट की गई है। पीएम जन-मन में पीवीटीजी के लिये मंजूर 74 में से 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स जल्द ही संचालित हो जायेंगी। शेष 8 मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिये टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान में इन जिलों के पीवीटीजी बहुल क्षेत्रों में वैकल्पिक तौर पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से 74 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स चलाई जा रही हैं।