ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला: मनरेगा की नई शर्तों को बताया ‘अनुचित’

कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नए पात्रता मानदंड का विरोध किया। उन्होंने कूचबिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) विरोधी रैली को संबोधित करते हुए इस मामले में केंद्र की नई शर्तों का विरोध करते हुए उनकी मसौदा प्रति भी फाड़ दी। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि कुछ दिन पहले हमें नए श्रम संहिता पर एक नोटिस मिला। केंद्र सरकार ने 100 दिन की रोजगार योजना की पात्रता के लिए नई शर्तें लगाई थीं। मैं ऐसी शर्तों से सहमत नहीं हूं। ये शर्तें अपमानजनक प्रकृति की हैं, इसलिए मैं नोटिस की एक प्रति फाड़ रही हूं। यह मेरे लिए कोई केंद्रीय नोटिस नहीं है, बल्कि यह मेरे लिए बस एक कोरा कागज है।

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मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार को 100 दिन की नौकरी योजना के लिए केंद्र सरकार से अभी तक 51,617 करोड़ रुपए की धनराशि नहीं मिली है। उन्‍होंने कहा कि मुझे केंद्रीय कोष की परवाह नहीं है। अगर अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो हम राज्य की अपनी 100 दिन की नौकरी योजना शुरू करेंगे। साथ ही उन्होंने कूचबिहार में जिला तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को अंदरुनी कलह और गुटबाजी से दूर रहने की चेतावनी दी।

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सीएम ने कहा कि युद्ध के समय सबसे महत्वपूर्ण बात एकजुट रहना है। आप सभी को आम लोगों की सेवा के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एसआईआर प्रक्रिया में मतदाता सूची में अपना नाम बरकरार रखने में आम लोगों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए पूरे राज्य में 'क्या मैं आपकी मदद कर सकती हूं' शिविर चलाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बूथ हर ग्राम पंचायत में स्थापित किए जाएंगे। शिविरों का एकमात्र उद्देश्य लोगों की सहायता करना होगा।

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