MP के बड़े शहर बनेंगे मेट्रोपॉलिटन रीजन, बढ़ेगी रफ्तार से तरक्की

भोपाल 

प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन का दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सोमवार को विधानसभा में "मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025" पेश किया गया। इस विधेयक पर मंगलवार को चर्चा की जाएगी। विधेयक के लागू होते ही भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों को नए शहरी ढांचे के तहत विकसित किया जाएगा। इन शहरों के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। भोपाल के लिए सीमांकन का सर्वे कार्य जारी है, जबकि इंदौर में यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। प्रस्तावित प्राधिकरण में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, आयुक्त, नगरीय विकास, राजस्व, परिवहन, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे विभागों के प्रतिनिधि, साथ ही मेट्रो, रेलवे, दूरसंचार, नगर निगम और अन्य स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

ये भी पढ़ें :  मध्यप्रदेश के खंडवा में महिला ने दो-दो शादी करली, दूसरी शादी छिपाकर महिला पहले पति से भरण-पोषण लेती थी

विकास को मिलेगा नया ढांचा
प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र मेट्रोपॉलिटन एरिया होगा, जहां वह भूमि उपयोग, अधोसंरचना, परिवहन, ऊर्जा, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विषयों पर योजनाएं तैयार करेगा। इसके दायरे में नगरीय निकायों की विकास योजनाओं की निगरानी, टाउनशिप योजना का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं आवंटन, तथा निवेश की संभावनाएं तलाशना शामिल रहेगा।

ये भी पढ़ें :  अंतिम तिथि तक कुल 46 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किया

एकीकृत परिवहन प्रणाली का गठन
प्राधिकरण द्वारा मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो संबंधित शहरों में परिवहन नेटवर्क के विकास, संचालन, टिकटिंग प्रणाली और परिवहन संबंधी नीतिगत सलाह के लिए कार्य करेगी।

योजना समिति और विकास अधिकार
प्रत्येक महानगर क्षेत्र में एक योजना समिति बनाई जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय सांसद, महापौर और अन्य जनप्रतिनिधि सदस्य होंगे। यह समिति निवेश योजनाओं को अंतिम रूप देगी और दो या अधिक महानगरों को एकीकृत रूप से विकसित करने की रूपरेखा तैयार करेगी।

ये भी पढ़ें :  स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भोपाल देश के सबसे साफ शहरों में टॉप-3 पर, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पुरस्कार देगी

भूमि उपयोग और शुल्क वसूली का अधिकार
प्राधिकरण को बीडीए (भोपाल विकास प्राधिकरण) या आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) की तर्ज पर योजनाएं लागू करने और शुल्क वसूली का अधिकार प्राप्त होगा। इसके तहत दावा-आपत्ति और अधिसूचना की प्रक्रिया भी अनिवार्य रूप से अपनाई जाएगी।

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment