बाबा बैद्यनाथ धाम मामले में MP निशिकांत ने आत्मसमर्पण किया, बोले- मैं भगोड़ा नहीं, अपना सांसद हूं

देवघर
वैद्यनाथ धाम मंदिर मामले में निकास द्वार से प्रवेश करने के मामले में गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे व सांसद मनोज तिवारी व अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में खुद की गिरफ्तारी देने के लिए डॉ. निशिकांत दुबे शनिवार को बाबा मंदिर थाना पहुंचे। देवघर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे सीधे बाबा मंदिर थाना के लिए निकले। सीता होटल चौक पर गाड़ी से उतरने के बाद वे पैदल बाबा मंदिर थाना तक पहुंचे। वहां उन्होंने थाना प्रभारी से कहा कि वे गिरफ्तारी देने आए हैं। हालांकि, तकनीकी कारणों से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। इस बारे में सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया।

संभावना बनने पर होगी गिरफ्तारी
पुलिस का कहना है कि एफआईआर को एमपी एमएलए कोर्ट में भेजा है। वहां उसे स्वीकार किया जाएगा, उसके बाद सेक्शन 41 के तहत तीन बार नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद अगर गिरफ्तारी की संभावना बनेगी तो गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि वे भगोड़ा नहीं हैं बल्कि यहां के सांसद है। यहां की जनता ने चार बार उन्हें चुनाव जिताया है। जनता ने चुनाव इसलिए जिताया है कि मैं उनके लिए संघर्ष कर सकूं। ये संघर्ष तभी कर पाउंगा तब कानून का पालन करूंगा।

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जो केस दर्ज हुआ है उससे दुखी हो गया हूं
उन्होंने कहा कि उनके व परिवार वालों को मिलकर ये 51 वां केस दर्ज किया गया है। इस बार जो केस हुआ है उससे दुखी हो गया हूं। जितनी बार प्रशासन केस करेगा उतनी बात गिरफ्तारी देने आउंगा। कानून में अगर कोई प्रावधान है तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सभी को पता है कि किस तरह से गिरफ्तारी के डर से यहां के मुखिया भागे थे। उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते उन्हें भी कुछ सुरक्षा दी गई है। संविधान की धारा 105 के तहत उन्हें विशेषाधिकार का जो अधिकार प्राप्त है उनके तहत यहां के मुख्य सचिव, यहां के डीजीपी, डीएसी, एसपी सह डीआईजी के उपर विशेषाधिकारी किया है।

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किस आधार पर दर्ज हुआ मामला
उन्होंने कहा कि इस पर सोमवार को संसद में सुनवाई होगी। उसके बाद इन लोगों से दिल्ली में ही पूछा जाएगा कि किस आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गौ तस्कर को पकड़ने पर मामला दर्ज हो जाता है। वे सड़क सुरक्षा कमेटी में शामिल हैं।

आरएसएस के विभाग प्रचारक पकड़ाते हैं और उनके ऊपर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि वे मंदिर के ट्रस्टी हैं। उन्होंने अगर किसी पुलिस वाले को धक्का दिया तो पुलिस वाला एफआईआर नहीं करता है, दंडाधिकारी एफआईआर नहीं करता है। एक अवैध आदमी तो अंदर घुसा हुआ है, उसके आधार पर उनके उपर एफआईआर कर देता है। वह अगर तीर्थ पुरोहित है तो वे भी पुरोहित हैं। वह ब्राह्मण है तो मैं भी हूं। गंवाली पूजा में तीन वर्ष जो चंदा दे देगा वह पंडा धर्मरक्षिणी के चुनाव में वोट दे सकता है। अगली बार जब चुनाव होगा तो वे भी वोट देने के अधिकारी होंगे। किस आधार पर मेरे व एफआईआर करने वाले में अंतर करते हैं।

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ये किस तरह की व्यवस्था है

यहां इरफान अंसारी पूजा करने, इसाई एसपी पूजा करें को कोई परेशानी नहीं है। वह धार्मिक भावना नहीं भड़काएगा। लेकिन मनोज तिवारी अगर कांवड़ यात्रा लेकर आता है तो वह धार्मिक भावना भड़का देगा। ये किस तरह की व्यवस्था है। किस तरह का एफआईआर है।

जब भी उन्हें थाना बुलाया जाएगा वे आएंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा भोले के सामने कह रहे हैं कि इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है उसे पूरा किया जाएगा।

 

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