भाजपा के दिग्गज नेता हाशिए पर, नरोत्तम मिश्रा, उमा शंकर गुप्ता और कमल पटेल निगम-मंडलों के जरिए वापसी की कोशिश

भोपाल 

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई दिग्गज नेता, जो कभी प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते थे, आज हाशिए पर हैं. इन नेताओं को अब निगम-मंडलों और अन्य नियुक्तियों के जरिए फिर से राजनीति की मुख्य धारा में लौटने की उम्मीद है. पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, उमा शंकर गुप्ता, कमल पटेल, गौरी शंकर विशेन, जयभान सिंह पवैया सहित कई अन्य नेता इस कतार में शामिल हैं. ये नेता पार्टी में अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को पुनर्जनन देने की कोशिश में हैं.

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कांग्रेस प्रवक्ता ने इस स्थिति पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा ने अन्य दलों से इतने नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है कि अब पार्टी “ओवरलोडेड” हो गई है. इसके चलते भाजपा के कई पुराने और प्रमुख नेता हाशिए पर चले गए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा में कोई नया चलन नहीं है. पहले भी कई दिग्गज नेताओं को पार्टी ने साइडलाइन किया है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की यह रणनीति उसके अपने नेताओं के लिए ही चुनौती बन रही है.

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वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में हर कार्यकर्ता के लिए उचित दायित्व होता है. कुछ जिम्मेदारियां ऐसी होती हैं, जो सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आतीं, लेकिन नेता पार्टी के लिए लगातार काम करते रहते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा में किसी को हाशिए पर रखने की बात नहीं होती. समय, परिस्थिति और योग्यता के आधार पर नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं. प्रवक्ता का कहना है कि पार्टी अपने सभी नेताओं का सम्मान करती है और उनकी सेवाओं का उपयोग उचित समय पर किया जाता है.

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भाजपा के इन दिग्गज नेताओं की नजर अब निगम-मंडलों और अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर है. ये नियुक्तियां न केवल उनकी राजनीतिक सक्रियता को पुनर्जनन दे सकती हैं, बल्कि उन्हें फिर से सुर्खियों में ला सकती हैं. पार्टी संगठन जल्द ही इन नियुक्तियों पर फैसला ले सकता है, जिससे इन नेताओं की राजनीतिक वापसी की राह आसान हो सकती है.

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