मध्यप्रदेश में 25 सितंबर से मौसम बदलेगा, नया सिस्टम सक्रिय, तेज बारिश के संकेत

भोपाल 

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन बादल छाने के साथ हल्की बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा, लेकिन कहीं भी भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि 25 सितंबर को एक नया वेदर सिस्टम एक्टिव होने जा रहा है, जिससे फिर तेज बारिश होने का अनुमान है।इसके बाद सितंबर अंत से मानसून की विदाई शुरू होगी।बता दे कि रविवार को भोपाल ,नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर समेत 15 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।

25 सितंबर को सक्रिय होगा नया वेदर सिस्टम

    दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा , भटिंडा, फतेहाबाद, पिलानी, अजमेर, दीसा, भुज और से होकर गुजर रही है। अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कुछ और हिस्सों; एचपी और जेके के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे म्यांमार तट पर ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण अब म्यांमार-दक्षिण बांग्लादेश तटों से सटे उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है और औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक विस्तृत है। इसके प्रभाव में अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।

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    25 सितंबर के आसपास पूर्व-मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, इसके 26 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों के पास उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब क्षेत्र बनने की प्रबल संभावना है। इसके 27 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा-उत्तरी एपी के तटों को पार करने की प्रबल संभावना है। उत्तर-पूर्वी बिहार और उससे सटे सिक्किम के ऊपर औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।

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    मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 16% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 24% अधिक वर्षा हुई है। एमपी में अब तक 43 .8 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 118 प्रतिशत है। अब तक 36.3 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।

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    सबसे कम बारिश वाले जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है।भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।

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