महाराष्ट्र में मंत्रियों का ढाई साल का कार्यकाल, परफॉर्मेंस ऑडिट और फिर पत्ता साफ…

मुंबई

महाराष्ट्र में आज देवेंद्र फडणवीस की सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है। बीते दिन ही नागपुर में हुए शपथ ग्रहण समारोह में 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। वही जानकारी के अनुसार, गृह विभाग बीजेपी के पास रहेगा, जबकि शिक्षा, सिंचाई और राजस्व विभाग भी बीजेपी को सौंपे गए हैं। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे की योजनाओं पर चर्चा की और बताया कि मंत्रियों का कार्यकाल ढाई साल का होगा।

मंत्रियों के विभागों पर बनी सहमति
शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि छह राज्य मंत्रियों समेत सभी 39 मंत्रियों के विभाग अगले दो दिनों में तय कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभागों के बंटवारे पर सहमति बन चुकी है और जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।

कुल 39 मंत्रियों को अपनी टीम में शामिल किया है। इसमें 19 बीजेपी, 11 शिवसेना और 9 विधायक मंत्री बने। आशा के अनुरुप फडणवीस अपनी दूसरे कार्यकाल की टीम में तमाद न चेहरों को बाहर करने के कामयाब रहे है, जिनकी छवि ठीक नहीं मानी जा रही थी। फडणवीस द्वारा मंत्रिमंडल में 19 फ्रेश चेहरों को शामिल करने के फैसले को पीएम मोदी के हलिया संबोधन से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर बहस के दौरान 11 संकल्प का जिक्र किया था। इसमें करप्शन रोकने का मुद्दा भी शामिल था। महाराष्ट्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार पर नजर दौड़ाएं तो फडणवीस ने शिवसेना और एनसीपी के दागी नेताओं की छुट्टी कर दी। उन्होंने बीजेपी से कई नए चेहरों को मौका दिया है।

ये भी पढ़ें :  CM भूपेश ने की हत्या में जान गंवा चुके भुनेश्वर साहू के पिता से फोन पर बात...बंधाया ढांढस... भुनेश्वर के पिता ने कहा...

भारी पड़े भ्रष्टाचार के आरोप!
महायुति सरकार में 25 मंत्रियों में 12 को जगह नहीं मिली है। इनमें कई बड़े नाम हैं। सबसे चौंकाने वाला नाम छगन भुजबल का है। इसके बाद दिलीप वलसे पाटिल है। शिवसेना के खेमे में देखें तो अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत और दीपक केसरकर मंत्री नहीं बन पाए, हालांकि संजय राठोड जगह पानेमें सफल रहे। ऐसा माना जा रहा है फडणवीस इन नेताओं के ऊपर लगे आरोपों के साथ इनके काम से खुश नहीं थे। इससे पहले चुनावों में जब अजित पवार ने जब नवाब मलिक को टिकट दिया था तो उन्होंने दूरी बनाते हुए साफ कर दिया था बीजेपी प्रचार नहीं करेगी। फडणवीस ने कुल 12 मंत्रियों को ड्रॉप किया है।

मंत्रियों के काम का होगा ऑडिट
फडणवीस ने मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ साफ कर दिया है कि सभी मंत्रियों के प्रदर्शन का ऑडिट किया जाएगा। इसी के बाद वे सभी कन्टीन्यू कर पाएंगे। ऐसे में फडणवीस ने मंत्रियों पर बेहतर परफॉर्म करने का दबाव बढ़ा दिया है। यह ऑडिट 2.5 साल पूरे होने पर होगा। यह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही फॉर्मूला है। जिसे फडणवीस ने लागू किया है। पीएम मोदी गुजरात में बतौर सीएम और अब पीएम के तौर पर अपनी टीम में परफॉरमेंस पर फोकस किए हुए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से कई बड़े नेताओं की छुट्‌टी हुई है उसके बाद चर्चा है कि फडणवीस ने सफाई शुरू कर दी है।

ये भी पढ़ें :  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज दिल्ली दौरा, शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय...नीति आयोग की बैठक मे होंगे शामिल 

कैसी है फडणवीस की नई टीम?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री फडणवीस की टीम में दो डिप्टी सीएम के अलावा 36 मंत्री हैं। इनमें 19 नए चेहरे हैं। जो पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें सात विधायक बीजेपी, छह शिवसेना और पांच एनसीपी से हैं। फडणवीस ने साफ किया है कि ढाई साल के काम के आंकलन के बाद आगे मंत्री रहने पर फैसला होगा। ऐसे में फडणवीस की टीम में अब 2027 से पहले बदलाव की उम्मीद नहीं है। राजनीतिक हलकों में प्रधानमंत्री के संदेश के अनुसार जिस तरीके से फडणवीस ने अपनी टीम में बड़बोले और दागी नेताओं से दूरी बनाई है। उससे उन्होंने संदेश दिए हैं कि साफ टीम लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

ये भी पढ़ें :  वैशाली के लिए ग्लोबल शतरंज लीग आनंद से सीखने का मौका

विधानसभा सत्र की तैयारियां
विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हुए इस विस्तार में फडणवीस, अजित पवार, और एकनाथ शिंदे ने साझा रूप से प्रेस से बातचीत की। फडणवीस ने बताया कि सत्र में 20 बिल पेश किए जाएंगे, जो राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

विपक्ष का बहिष्कार और EVM पर विवाद
विपक्षी दलों ने सत्र के पहले दिन की हाई टी पार्टी का बहिष्कार किया। विपक्ष ने EVM के दुरुपयोग का आरोप लगाया। इस पर फडणवीस ने जवाब दिया कि EVM का मतलब है "हर वोट महाराष्ट्र के लिए"। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता के हित में काम कर रही है और अगले चुनावों में बड़ी जीत हासिल करेगी।

डिप्टी सीएम शिंदे का बयान
डिप्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रियों के लिए रोटेशनल फॉर्मूला पर कहा कि हर मंत्री को ढाई साल का कार्यकाल मिलेगा। उन्होंने साफ किया, "या तो अच्छा काम करें, या फिर पद छोड़ दें।" इस नियम के तहत अधिक विधायकों को अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा और पार्टी में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment