रेलवे रतलाम से चंदेरिया और नागदा से भोपाल तक का सेक्शन भी कवच युक्त करेगा

रतलाम
 ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा को लेकर रेलवे संसाधन मजबूत कर रहा है। दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के साथ ही रतलाम रेल मंडल में रतलाम से चंदेरिया और नागदा से भोपाल तक का सेक्शन भी कवच युक्त होगा।

इसके लिए रेल मंडल से टेंडर जारी हो गए हैं। काम पूरा करने के लिए दो साल की समय सीमा रखी गई है। इससे नीमच, मंदसौर के साथ ही उज्जैन, भोपाल तक ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी।

रतलाम-चंदेरिया और नागदा-भोपाल सेक्शन पर कवच संस्करण 4.0 का प्रावधान किया जाएगा। इसमें 120.72 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रतलाम रेल मंडल के 427.83 किलोमीटर के पूर्ण ब्लाक सेक्शन में यह प्रणाली लगाई जाएगी। चार दिसंबर तक टेंडर भरे जा सकेंगे।

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मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग के 789 किमी में से 503 में ट्रायल पूरा

    इधर मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रति घंटा करने के लिए मिशन रफ्तार में ब्रिजों के मरम्मत, ओएचई का रख-रखाव, सिगनलिंग सिस्टम में सुधार, कर्व का री-अलाइनमेंट, एचबीम स्लीपर लगाए गए हैं।

    वर्तमान में वडोदरा-अहमदाबाद खंड सहित मुंबई सेंट्रल-नागदा खंड पर 90 लोको के साथ 789 किलोमीटर पर कवच का काम चल रहा है। इसमें से 503 किलोमीटर तक लोको परीक्षण हो चुका है।

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    90 में से 73 लोकोमोटिव पहले ही कवच प्रणाली से लैस किया जा चुका है। वडोदरा-रतलाम-नागदा सेक्शन के 303 किलोमीटर में 173 पर लोको ट्रायल पूरा हो चुका है। मार्च 2025 तक काम पूरा होने की संभावना है।

क्या है कवच

स्वचालित ट्रेन सुरक्षा तकनीक 'कवच' ट्रेन सुरक्षा और परिचालन दक्षता को बढ़ाती है। इसमें इंजन पर लगे सेंसर, जीपीएस सिस्टम से एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों के आमने-सामने आने पर स्वचालित ब्रेक लग जाते हैं।

आरडीएसओ द्वारा विकसित कवच को ट्रेन टकरावों को रोकने, खतरे में सिगनल पासिंग से बचने में लोको पायलटों को सहायता मिलती है। इससे 200 किमी प्रति घंटे तक की गति को समायोजित किया जा सकता है। ट्रेनें तय गति सीमा के भीतर चले और इसकी रियल टाइम निगरानी भी होगी।

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यह काम भी किए

ट्रैक पर पशु आदि न आए, इसके लिए नागदा-गोधरा खंड में लगभग 56 करोड़ की लागत से रेलवे ट्रैक के दोनों ओर कुल 160 किलोमीटर बाउंड्रीवाल का निर्माण होना है। करीब 100 किमी की बाउंड्रीवाल बनाई जा चुकी है।

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