गड्ढों में दबी NH 343 की सड़क, हर मोड़ पर मंडरा रहा हादसे का साया

बलरामपुर

छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-343 (NH 343) की हालत बरसात के दिनों में बद से बदतर हो चुकी है. गड्ढों में सड़क या सड़क पर गड्ढे इसका अनुमान लगाना मुश्किल है. हालत यह है कि रोज सड़क पर बैलगाड़ी से भी कम रफ्तार में वाहनों की आवाजाही और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की लगातार लगने वाले जाम की वजह से बस चालक बायपास से होते हुए बस चलाने को मजबूर हैं.

अंबिकापुर से रामानुजगंज तक करीब 120 किलोमीटर का सफर अब जगह- जगह बने जानलेवा गड्ढों के कारण कई घंटों में पूरा होता है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति बलरामपुर से रामानुजगंज तक की है, जिससे रायपुर-बिलासपुर रूट की सारी बस का परिचालन बंद हो गया है. कुछ बसें रूट डायवर्ट कर वाड्रफनगर होकर चलने को मजबूर हैं, जिससे राजधानी जाने के लिए बलरामपुर के लोगों को सोचना पड़ रहा है.

बस के लिए करना पड़ता है घंटों इंतजार

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जर्जर सड़क की वजह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है, यात्रियों को जहां पहले हर 10 मिनट में बसें मिला करती थीं, अब यात्रियों को 2-2 घंटे तक बस का इंतजार करना पड़ रहा है. कई बसें इस मार्ग पर चलना ही बंद कर चुकी हैं. जो वाहन चल भी रहे हैं, उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

खनिज परिवहन पर भी असर
दरअसल, नेशनल हाइवे की बदहाली के पीछे बड़ी वजह सड़क पर रोजाना खनिज संपदा से लदे भारी ट्रकों का आवागमन है. लेकिन सड़क खराब होने के बाद अब इनका चलना भी दूभर हो गया है. जर्जर सड़क की वजह से सिर्फ आर्थिक नुकसान ही नहीं हो रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है.

जवाब देने से कतरा रहे जनप्रतिनिधि
जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि भी मीडिया के सामने जवाब देने में कतरा रहे हैं. खतरनाक हो चुकी सड़क पर रात को चलना नामुमकिन हो गया है. कई बार ट्रक और छोटे वाहन भी पलट जाते हैं जिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि अगर सरकार नई सड़क नहीं बना सकती, तो कम से कम इन गड्ढों को तत्काल भरने की व्यवस्था की जाए जिससे आवागमन सुचारू हो सके.

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जनता का सवाल — कब होगा सुधार?
लोगों का साफ कहना है कि यह मार्ग कभी प्रदेश के विकास की पहचान था, लेकिन अब वह जनता की परेशानी का कारण बन चुका है सवाल यह है कि क्या प्रशासन तब तक सोता रहेगा जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए.

खराब रोड पर बस चलाने का दबाव
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अनवर अली ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि रामानुजगंज जिला मुख्यालय होने के बाद भी रोड का सुधार नहीं हो रहा है. धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम के बाद भी कलेक्टर खराब रोड पर बस चलाने का दबाव बना रहे हैं. ऐसी में अगर गाड़ियां पलटती हैं, जान-माल की क्षति होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. परिवहन विभाग को बता दिया गया है कि जब तक मार्ग की मरम्मत नहीं होगी, तब तक मार्ग बदलकर बस संचालन किया जाएगा.

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मौसम खुलने पर करेंगे मरम्मत
बलरामपुर अपर कलेक्टर आरएस लाल ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि इस बात को ठेकेदार और संबंध विभाग के अधिकारियों के साथ कलेक्टर की चर्चा हुई है. बरसात के दिनों में आवागमन बाधित न हो इसकी व्यवस्था करेंगे. बहरहाल, लगातार बारिश होने की वजह से सुधार के बाद भी सड़क पर गड्ढा यथावत हो जा रहा है. जैसे ही थोड़ा सा मौसम खुलेगा, तब गड्ढों को ठीक तरह से भरेंगे, जिससे आवागमन सुचारू तरीके से हो सके.

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