कन्हर नदी तट पर उमड़ी आस्था की लहर – बनारस सी गंगा आरती, सजे सुपले और दीपों की रौशनी में झलकी छठ मइया की महिमा

 

 

 

उर्वशी मिश्रा, रामानुजगंज/बलरामपुर 

 

रामानुजगंज। आस्था, संयम और भक्ति का महापर्व छठ पूजा इस वर्ष कन्हर नदी तट पर अद्भुत नजारे के साथ संपन्न हुआ। पूरा नदी तट दीपों, फूलों और सजावट से जगमगा उठा। जैसे ही संध्या ढली, कन्हर नदी के तट पर बनारस की तर्ज पर गंगा आरती आरंभ हुई — आरती की लौ, घंटों की गूंज और “जय छठ मइया” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

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छठ व्रत करने वाले श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्रों में, माथे पर सुपला लिए जब घाटों की ओर बढ़ रहे थे, तो दृश्य अत्यंत भावनात्मक और भव्य प्रतीत हो रहा था। महिलाएं अपने परिवार के सुख-समृद्धि और सूर्यदेव की कृपा के लिए अर्घ्य अर्पित कर रहीं थीं।

कन्हर नदी के दोनों तटों पर दीपों की सुनहरी पंक्तियाँ झिलमिला उठीं, मानो जलधारा में भक्ति का सागर बहने लगा हो। श्रद्धालुओं की भीड़, सजे घाट और मधुर भजन ने वातावरण को पूर्णतः आध्यात्मिक बना दिया।

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इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में नवयुवक दुर्गा पूजा समिति और नगर पालिका परिषद की भूमिका सराहनीय रही। समिति द्वारा घाटों की सुंदर सजावट, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधों ने पूरे कार्यक्रम को भव्य स्वरूप दिया।

कन्हर नदी का तट रविवार की शाम भक्ति, सौंदर्य और अनुशासन का संगम बन गया — जहाँ हर दीप में आस्था की रोशनी थी और हर चेहरे पर सूर्योपासना की दिव्यता झलक रही थी।

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