पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार की समिति ने राज्य की महिला जन-प्रतिनिधियों से की चर्चा

भोपाल  
संचालक सह आयुक्त, पंचायतराज संचालनालय, श्री मनोज पुष्प ने बताया कि भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय की समिति ने म.प्र. का 2 दिवसीय दौरा किया है। समिति ने नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल में 3 एवं 4 अक्टूबर को आयोजित प्रॉक्सी रिप्रेजेंटेशन संवाद कार्यक्रम में महिला जनप्रतिनिधियों से रू-ब-रू चर्चा की। समिति ने महिला सशक्तिकरण के लिए जारी कार्यक्रमों के अलावा संवैधानिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। दो दिवसीय संवाद में प्रदेश की महिला जनप्रतिनिधियों ने खुलकर अपने विचार रखें। उन्होंने महिलाओं की बेहतरी के लिये आवश्यक सुझाव भी दिये। कार्यक्रम के अंत में संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान (एमजीएसआईआरडी) जबलपुर ने सभी का आभार व्यक्त किया।

पंचायती राज व्यवस्था में महिला प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व एवं सशक्तिकरण के प्रयासों को मैदानी स्तर पर जानने के लिए उच्चतम न्यायालय के सुझावों के अनुरूप भारत सरकार द्वारा पूर्व और वर्तमान वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों व विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की समिति गठित की है। समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त सचिव, भारत सरकार, पंचायती राज श्री सुशील कुमार सहित 10 सदस्य शामिल है। समिति के सदस्य संयोजक के रूप में संयुक्त सचिव, भारत सरकार, पंचायती राज सुश्री ममता वर्मा कार्य कर रही है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 के अंतर्गत पंचायतीराज व्यवस्था की स्थापना में प्रावधान किये गये है। 73वें संविधान 1993 के माध्यम से मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई। पंचायतों में देश की आधी आबादी अर्थात महिला प्रवर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए मध्यप्रदेश में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। सरकार महिलाओं को राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है और इसमे सफलता भी मिल रही है। प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाओं ने विगत वर्ष संपन्न हुए पंचायत निर्वाचनों में भाग लेकर व निर्वाचित होकर सफलता का परचम लहराया है।

ये भी पढ़ें :  मंत्रि-परिषद की बैठक में श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति

समिति ने चर्चा कर अनुभव जाने एवं मांगे सुझाव
समिति द्वारा राज्य के विभिन्न वर्गों की विभिन्न स्तरों पर निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल में रूबरू चर्चा कर सुझाव मांगे गये, उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली गई।

महिला जनप्रतिनिधि हुई शामिल
इस कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत सिंगरौली सुश्री सोनम सिंह, विदिशा की सरपंच सुश्री वर्षा राजपूत, खरगौन की सरपंच श्रीमती मीना वर्मा, राजगढ सरपंच श्रीमती सुविता भिलाला, अध्यक्ष जिला पंचायत इंदौर वक्सवाहा से सरपंच श्रीमती ललिता यादव सहित विभिन्न जिलो से महिला जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम), म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी), संयुक्त राष्ट्र महिला संघ (यूएनएफपीए), ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (टीआरआई) आदि विभिन्न विभागों की महिला प्रतिनिधि भी उपस्थित हुई और अपना पक्ष रखा।

ये भी पढ़ें :  हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी साधु-संतों, अखाड़ा प्रमुखों-महामंडलेश्वरों के लिए बनाए जाएंगे स्थायी आश्रमः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से महिला मामलों की विशेषज्ञ प्रोफेसर सुश्री रूचि घोष तथा महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान (एमजीएसआईआरडी) जबलपुर से महिला मामलों की जानकार सुश्री वंदना तिवारी से भी अपने सुझाव प्रस्तुत किये।

समिति ने ग्रामीण क्षेत्र का दौरा भी किया
म.प्र. भ्रमण पर आई समिति ने भोपाल जिले के विकासखंड फंदा की ग्राम पंचायत फंदा कलां का जमीनी दौरा भी किया। उन्होंने वहां की महिला सरपंच वर्षा कुंवर सोलंकी सहित विभिन्न महिला पंचो, स्व सहायता समूह की सदस्यों, पटवारी, आंगनबाडी वर्कर, एएनएम आदि लाईन डिपार्टमेंटो के कर्मचारियों से भी बात कर प्रॉक्सी रिप्रेजेंटेशन दूर करने के सुझाव मांगे, साथ ही पंचायत की कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की।

ये भी पढ़ें :  प्रदेश के तीन नए मेडिकल कॉलेज नीमच, मंदसौर और सिवनी में अब सौ-सौ एमबीबीएस की सीटों पर दाखिले हो सकेंगे

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment