नेहा शर्मा, न्यूज राइटर, दुर्ग, 17 अप्रैल, 2023
दुर्ग। इंडियन नेवी एसएसआर की पहली महिला बैच में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत ग्राम बोरीगारका की बेटी हिशा का चयन हुआ था। ट्रेंनिग पूरी कर हिषा अपने गांव बोरीगारका लौटी। गांव लौटने पर हिशा के भाई कोमल सहित ग्रामीणों ने उसका भव्य स्वागत किया। गांव में रैली भी निकाली गई। भाई कोमल बघेल हिशा को दुर्ग स्टेशन से अपनी गाड़ी में गांव लेकर गया। ज्ञात हो कि पिता कई वर्षों से कैंसर से पीड़ित होने के कारण घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने की वजह से काफी चुनौतियों से जूझने के बावजूद हिशा ने हार नहीं मानी।
मां गले लगकर रोने लगी
गाड़ी से उतरकर हिशा परेड करते हुए अपने घर की दहलीज पर पहुंचते ही मां से गले लगकर रोने लगी। पिता की फोटो पर माला चढ़ाकर उन्हें सैल्यूट किया। दरअसल हिशा के पिता ऑटो चालक थे, कैंसर की बीमारी से उनका निधन हो गया था। घर वालों ने पिता की मौत की खबर बेटी से छिपाकर रखी थी। जब हिशा अपने गांव पहुंची तब पता चला कि, उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं।
अपने पिताजी को माल्यार्पण करती
हिशा के आंसुओं से घर के लोग दुखी न हो, इसलिए वह उसी तरह मुस्कुराती रहीं। उन्होंने अपने आंसुओं को रोकने के लिए काला चश्मा पहनी हुईं थीं, लेकिन अपनी मां को देखते ही वह रोने लगी। पूरे गांव वालों को पहले से पता था कि उनके गांव का नाम रोशन करने वाली बेटी हिशा बघेल 16 अप्रैल को दुर्ग आ रही हैं। इसलिए उन्होंने उसके स्वागत की तैयारी पहले से कर ली थी।
हिशा का रोड शो निकला मुख्य मार्ग में कई गाड़ियों के काफिले में सवार होकर हिशा का रोड शो निकला। पूरे रास्ते डीजे की धुन में लड़के लड़कियां नाचते रहे। गांव के बड़े बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। रोड शो के दौरान फूलों की बारिश की गई। कई घंटों तक रोड शो के बाद हिशा अपने घर पहुंची।
गांव की बुजुर्गों ने दिया आशीर्वाद
हिशा बघेल का चयन भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में हुआ है। वो अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली बार गांव लौटी हैं। उनके पिता मुस्कुराते हुए विदा किया था, लेकिन हिशा को यह नहीं पता था कि, वह अपने पिता को अंतिम बार देख रही हैं।