देवाशीष शर्मा, न्यूज राइटर, नई दिल्ली, 20 मई, 2023
आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। जो नोट छप चुके हैं वो 30 सितंबर 2023 तक बदले जा सकेंगे। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया आई है। दिल्ली के सीएम ने कहा कि इसीलिए हम कहते हैं प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा। इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।”
RBI के फैसले की बड़ी बातें
दो हजार रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा। लोग दो हजार रुपये के नोट को बैंक खातों में जमा कर सकते हैं या उसे बैंकों एवं आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में जाकर दूसरे मूल्य का नोट ले सकते हैं। दो हजार का नोट बैंक खातों में बिना किसी बाधा के जमा किये जा सकते हैं। हालांकि यह अपने ग्राहक को जानों (केवाईसी) मानकों का पूरा करने पर निर्भर है। लोग 23 मई से एक दिन में अधिकतम 20,000 रुपये मूल्य तक के दो हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं। बैंक प्रतिनिधियों के जरिये बैंक खाताधारक 4,000 रुपये मूल्य तक के दो हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं। नवंबर 2016 में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के बाद दो हजार रुपये का नोट जारी किया गया था। नवंबर 2016 में नोटबंदी के उलट 2,000 रुपये का नोट 30 सितंबर वैध मुद्रा बना रहेगा।
यह कहा जा रहा था कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग कथित रूप से काला धन जमा करने और काले धन को सफेद बनाने में किया जा रहा था। इसको देखते हुए दो हजार रुपये के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया गया।आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2,000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी। दो हजार रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे।
मार्च 2018 में चलन में मौजूद कुल नोट में दो हजार रुपये के नोट की हिस्सेदारी 37.3 प्रतिशत थी जो 31 मार्च, 2023 को घटकर 10.8 प्रतिशत रह गयी। मूल्य के हिसाब से मार्च 2018 में कुल 6.73 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट 2,000 रुपये के थे जबकि 31 मार्च, 2023 को इनका मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया।