मुंबई
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके तहत शिवसेना-यूबीटी गुट के मुखिया और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे ममोरियल कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। यूं तो इस फैसले का कोई बहुत बड़ा महत्व नहीं है, लेकिन राजनीतिक संदेश बड़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिवसेना के दूसरे गुट के नेता और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर दावा करते रहे हैं। ऐसे में उद्धव को सरकार की ओर से ही चेयरमैन बनाया जाएगा एकनाथ शिंदे को जरूर अखरेगा। वह पहले ही फडणवीस सरकार में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और अकसर दिल्ली तक जाकर शिकायत दर्ज कराते रहते हैं।
इस समिति के सदस्यों के तौर पर आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई को नामित किया गया है। इसके अलावा भाजपा के विधायक पराग अलवानी और शिवसेना नेता शिशिर शिंदे को भी सदस्य बनाया गया है। इन लोगों को समिति में पहली बार मौका मिला है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने जब मुख्यमंत्री का पद संभाला था तो कमेटी के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच गहरी अदावत है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस बीच-बीच में उद्धव के साथ एक सेतु बनाने की कोशिश करते दिखते हैं। जानकार मानते हैं कि ऐसा वह इसलिए करते हैं ताकि एकनाथ शिंदे पर थोड़ा दबाव बनाकर रखा जाए।
मराठवाड़ा का दौरा करने का किया था ऐलान, फडणवीस ने दिया तोहफा
उद्धव ठाकरे ने 3 नवंबर को ही फडणवीस सरकार की आलोचना की थी। उनका कहना था कि बाढ़ प्रभावित इलाकों को सरकार की ओर से पर्याप्त मदद नहीं मिली है। पूरा डेटा सरकार के पास है। फिर भी लोगों को मदद नहीं दी जा रही है। ठाकरे का कहना था कि वह मराठवाड़ा का दौरा करेंगे और वहां पीड़ित किसानों से मुलाकात करेंगे। इन लोगों को अब तक कोई मुआवजा राशि नहीं मिली है। ये लोग अपना एक घर तक बनाने के लिए तरस रहे हैं। उनका कहना था कि जब किसानों की जमीन ही बाढ़ में बह गई है तो फिर उन्हें आखिर लोन कैसे मिलेगा। मैं जब सीएम बना था तो फसल बीमा के दो लाख दिए थे। अब यह सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है।


