NIA ने भोपाल में तीन जगह मारी रेड, डिजिटल डिवाइस भी मिले, संदिग्ध सामग्री मिली

भोपाल 

आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) और राजस्थान के झालावाड़ में छापा मारा है. एनआईए की टीमों ने तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस जब्त कीं, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.
भोपाल में तीन स्थानों पर NIA का छापा

एनआईए ने आतंकी साजिश को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन स्थानों पर और राजस्थान के झालवाड़ में दो स्थानों पर छापे मारे हैं. यह कार्रवाई हिज्ब-उत-तहरीरसंगठन से जुड़े लोगों पर लिया गया है. इस दौरान डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए जाने की सूचना है. एनआईए की यह कार्रवाई HUT को लेकर है. 
कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी

बता दें कि राजधानी भोपाल में कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े HUT के सदस्यों के होने की सूचना पर पहले भी जांच एजेंसियां इन पर कार्रवाई कर चुकी हैं. इस दौरान इस संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ये लोग भोपाल में युवाओं का ब्रैनवॉश करते हुए पकड़े गए थे. इन आतंकियों के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए मिले थे.

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एक मामले का हिस्सा थी छापामारी
जांच एजेंसी द्वारा जारी बयान के अनुसार, तलाशी एनआईए द्वारा दर्ज किए गए एक मामले का हिस्सा थी, जो भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे विभिन्न आतंकवादी और कट्टरपंथी नेटवर्क और संगठनों को नष्ट करने के प्रयासों का हिस्सा था। ये कमजोर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की एचयूटी की साजिश से संबंधित है।

फॉरेंसिक लेब जाएगी डिजिटल डिवाइस
इसमें कहा गया है कि, युवाओं को भारत की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने और शरिया कानून द्वारा शासित एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए हिंसा फैलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।’ बयान में ये भी कहा गया कि, एनआईए की टीमों ने तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस जब्त की, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की दस्सावेजी कार्रवाई की जा रही है।

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पहले भी हो चुका है एक्शन
ये कोई पहली बार नहीं, बल्कि पहले भी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा यहां छापामारी कर कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। ये लोग भोपाल में युवाओं का ब्रैनवॉश करते हुए पकड़े गए थे। पहले हुई गिरफ्तारियों में आतंकियों के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए मिले थे।

हिज्ब-उत-तहरीर के बारे में जानें
हिज्ब-उत-तहरीर एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी। इसका मकसद वैश्विक इस्लामी खलीफा (इस्लामिक स्टेट) की स्थापना करना है, जो उनके विचार में मुस्लिम दुनिया पर शरिया कानून लागू करेगा। संगठन का मुख्यालय मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है।

भारत में संगठन की गतिविधियां
भारत में हाल के वर्षों में हिज्ब-उत-तहरीर की गतिविधियों को लेकर चिंता जताई गई है। मोदी सरकार ने इस संगठन को एक ‘खतरा’ मानते हुए इस संगठन को प्रतिबंधित किया है। सरकारी अधिकारियों की मानें तो हिज्ब-उत-तहरीर भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना की दिशा में काम कर रहा है और यहां के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने में जुटा है।

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प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा
इस संगठन की विचारधारा इस्लामिक कट्टरता पर आधारित है। ये लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को स्वीकार नहीं करता और एक एकीकृत इस्लामिक राज्य की स्थापना पर जोर देता है। संगठन का दावा है कि वह गैर-हिंसात्मक तरीके से काम करता है, लेकिन इसके समर्थक कई बार सरकार विरोधी और अशांत गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।

HuT को आतंकवादी संगठन घोषित कर लगाया गया प्रतिबंध

दरअसल, साल 2024 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1953 में यरूशलम में बने वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) को आतंकवादी संगठन घोषित कर इसके उपर प्रतिबंध लगा दिया था. यह संगठन देश में शरिया कानून लागू करने की साजिश रच रहा था.  सरकार का कहना था कि यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है, जो की देश के भोले-भाले नागरिकों को जिहाद की आड़ लेकर उन्हें बैन आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उकसाता है.

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